भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ढोल / प्रकाश मनु
Kavita Kosh से
ढोल बजा जी, ढोल बजा,
आहा, आहा ढोल बजा!
ढम-ढम, ढम-ढम ढोल बजा,
थम-थम थम-थम ढोल बजा।
है प्यारी गुड़िया की शादी,
ढोल बजा जी ढोल बजा,
गुड़िया सचमुच है शहजादी
इसीलिए तो ढोल बजा।
ढम-ढम, ढम-ढम ढोल बजा
आहा, आहा, ढोल बजा!