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तनहा क्या करता बेचारा / विज्ञान व्रत

तनहा क्या करता बेचारा
उसको सबने मिलकर मारा

वो जिनको मक़रूज़ नहीं था
उसने उनका कर्ज़ उतारा

जीत के लौटा बाहर से तो
उसको उसके घर ने मारा

कब तक टिकता इस बस्ती में
बंजारा ठहरा बंजारा

सूरज,चांद बहुत कुछ लेकिन
भोर का तारा भोर का तारा!