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धतूरे के जो फल होते हैं रसवाले नहीं होते / महेश कटारे सुगम

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धतूरे के जो फल होते हैं रसवाले नहीं होते ।
खजूरों के दरख़्तों के घने साये नहीं होते ।

खुली आँखों से दुनिया देखने वाले ये कहते हैं,
तज़िरबे जो भी होते हैं कभी झूठे नहीं होते ।

जहाँ पर भी निजामों में अवामी पैठ होती हैं,
वहाँ पर आदमी के साथ में धोखे नहीं होते ।

तबस्सुम जब लवों पर खेलने के वास्ते मचले,
समझ लेना वहां पर ख़ौफ़ के चर्चे नहीं होते ।

निवाले छीनकर जो बेवजह आँसू बहाते हैं.
सुगम ख़ुदगर्ज़ होते हैं वो रखवाले नहीं होते ।

09-02-2015