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नशाखोरी के फोॅल / अमरेन्द्र
Kavita Kosh से
जे पीयै छै ताड़ी
ओकरोॅ भाँसतै नाड़ी ।
जे गाँजा पीयै छै
थोड़े दिन जीयै छै ।
जे पीयै छै दारू
ऊ पक्का घरजारू ।
जे पीयै छै हुक्का
ओकरोॅ जिनगी फुक्का
बीड़ी-सिगरेट पीतै
जम दरबाजा जैतै ।
पर पानी जे पीयै
सौ-सौ साल ऊ जीयै ।