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पते की बात कहेगा, कहेगा जब भी दीवाना / शैलेन्द्र

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पते की बात कहेगा कहेगा जब भी दीवाना
मेरी सूरत पे ना जाना
पते की बात कहेगा ...

वहाँ कुछ देर है प्यारे नहीं अंधेर है प्यारे
जो तुझको न दिखाई दे नज़र का फेर है प्यारे
तू बहकावे में न आना है उसका सब जग जाना
मेरी सूरत पे ना ...

चार के आठ तू कर ले आठ से साठ तू कर ले
रहेगा फिर भी ये खाली पेट को लाख तू भर ले
सीख ले मन को मनाना सबर से काम चलाना
मेरी सूरत पे ना ...

जो न तलवार से होगा वो पल में प्यार से होगा
न कर पाएँगे जो लाखों वो एक दिलदार से होगा
सभी से प्यार निभाना है अपना चलन पुराना
मेरी सूरत पे ना ...