आंख!
अएना होइअऽ
दुख के/दरद के
पिआर के/नफरत के
लेकिन अप्पन दिल ...
ई त अकेले रहइअऽ हमेसा
धक-धक करइत
एक्कर एगो अलग होइअऽ भासा
ऊ भासा के बूझे वाला
जे होइअऽ
उहेसमा पबइअऽ दिल में
बहुत अन्दर तक।
आंख!
अएना होइअऽ
दुख के/दरद के
पिआर के/नफरत के
लेकिन अप्पन दिल ...
ई त अकेले रहइअऽ हमेसा
धक-धक करइत
एक्कर एगो अलग होइअऽ भासा
ऊ भासा के बूझे वाला
जे होइअऽ
उहेसमा पबइअऽ दिल में
बहुत अन्दर तक।