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प्रशंसा / अशोक कुमार
Kavita Kosh से
उसने मुझे शेर की तरह ताकतवर बताया
चीते की तरह तेज
उसने हिरन से फुर्तीला कहा मुझे
और कहा कि
हाथी जैसी है तुम्हारी याददाश्त
वह जब खुश था
मेरी प्रशंसा कर रहा था
मैं मन ही मन
उसकी नाराजगी से डर रहा था।