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भूख पहले है कि है भगवान पहले / डी .एम. मिश्र

भूख पहले है कि है भगवान पहले
सोचकर बतलाइए श्रीमान पहले

पूज सकते पत्थरों को भी हैं लेकिन
पेट पूजा का जुरे सामान पहले

बाद में हिंदू, मुसलमां, सिख , ईसाई
दोस्तो हम लोग हैं इन्सान पहले

कौन दुनिया में धनी उससे ज़ियादा
ढूंढता हर शै में जो ईमान पहले

खूं से जब लथपथ धरा हो , सोचना तब
ज्ञान पहले है कि है विज्ञान पहले

हौसला भी है , जुनूं भी, जोश भी है
पर, गुज़र जाने दो यह तूफ़ान पहले

रंक हो, राजा हो , बच्चा हो या बूढ़ा
चाहता हर कोई है सम्मान पहले

जान भी मेरी चली जाए तो क्या है
हो सुरक्षित मेरा हिन्दुस्तान पहले