कामना का अंत कब होगा
बुरा-सा मन संत कब होगा
साधुता क्यों क्षीण होती है
तड़पती-सी मीन होती है
जमाना गुणवंत कब होगा
कामना का अंत कब होगा
बुरा-सा मन संत कब होगा
भरोसा किस पर किया जाए
प्राण किस जन पर दिया जाए
प्राण हर बलवंत कब होगा
कामना का अंत कब होगा
बुरा-सा मन संत कब होगा
बंधु मेरे युग बदलने चल
दीप बनकर आज जलने चल
ढेर हर सामंत कब होगा
कामना का अंत कब होगा
बुरा-सा मन संत कब होगा
दर्द के तूफान को रोको
टूटते अरमान को रोको
हंत आिखर कंत कब होगा
कामना का अंत कब होगा
बुरा-सा मन संत कब होगा