भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मूँछें-9 / ध्रुव शुक्ल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वह जब देखो तब
अपना नाम बदल देने को आतुर है

कहता है--
यदि मेरी बात झूठ साबित हो
तो मेरा नाम बदल देना

अब बताइये
आज तक कोई बात झूठ साबित हुई

हाँ,
यदि उसकी बात सच साबित हो जाए
तो मैं ही अपना नाम बदलकर
उसका नाम रख लूँ