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मेरी संवेदनाएँ / सुनीता शानू
Kavita Kosh से
तेज ठण्डी हवाओं के
गुजरते तूफान में भी
धधक रही है एक ज्वाला सी
मेरे मन में
और मेरी संवेदनाएँ
पिघल रही है
मोम की तरह...