मैं भी वही आदमी हूँ
जिसे तुम, तुम्हारे वेद, शास्त्र, पुरान
मानते हैं ईश्वर का अंश।
तो फिर क्यों, सदियों से मुझे
किया जा रहा है अपमानित
नीच कहकर।
क्यों हमारे पूर्वजों को नहीं दिया गया
शिक्षा का, समानता का वह अधिकार
जो मिलता है उनको जो मानते हैं
ईश्वर को अपनी जागीर।