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युद्ध में
रोना नहीं चाहिए
चाहे युद्ध हो वह कितना बड़ा
सूखी रोटी
भीगने पर
मुलायम हो जाती है जैसे
कड़ी धरती भी
शहीदों के लिए
नर्म हो जाती है वैसे
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युद्ध में
रोना नहीं चाहिए
चाहे युद्ध हो वह कितना बड़ा
सूखी रोटी
भीगने पर
मुलायम हो जाती है जैसे
कड़ी धरती भी
शहीदों के लिए
नर्म हो जाती है वैसे