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रहिजो हमारे गाम / चन्द्रमणि

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अमृत-घटमे बोरि बनओलनि तोरा श्री भगवान
देखि फूल सन देह लोभाएल लोचन भृंग समान
गुजरिया रहि जो,
हे रहि जो,
तों रहि जो हमरे गाम।
हमरा गाममे भोरो गीत आ साँझो गीत
डेग-डेग पर मनके मीत
जनकक कानन हमरे गाम
रामक मनमे उपजल प्रीत
दोसर पहरमे उमगै बिरहा हरबाहा गाबैये
साज बनल बड़दक घंटी टुनटुन संग करैये
समन करै बिरहाके सुन्नरि
कहि जो अपन सुनाम
गुजरिया.....
हमरा गाममे अतिथिक मान बसन्त समान
हँसिते सुरूज बिहुँसिते चान
सीता सनके गामक बेटी
करम पुरूष सद्यः हनुमान
तेसर पहरमे गाम लछमी, लछमी बान्हि अनैये
चौठ पहर दुःखहरण कन्हैया गाइक हेंज हँकैये
एहन स्वर्ग सन सर्व जथा
लिखि देवौ तोहरे नाम।
गुजरिया रहि जो,
हे रहि जो,
तों रहि जो हमरे गाम।