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रामचन्दर चललन बियाह करे / मगही

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मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

रामचन्दर चललन बियाह करे, रिमिझिमि बादल हे।
अरे रिखियन<ref>ऋषियों को</ref> खबरि जनावउ<ref>सूचित करो</ref> कहाँ दल उतरत<ref>उतरता है</ref> हे॥1॥
परिछे बाहर भेली सासु त, सोना के डलनि<ref>डाला, दौरा</ref> लेले हे।
अहे, किनकर<ref>किसकी</ref> आरती उतारू, कउन बर सुन्नर हे॥2॥
साम<ref>श्याम</ref> बरन<ref>वर्ण</ref> सिरीराम, त गोरही<ref>गौर</ref> लछुमन हे।
सिरी रामचन्दर के आरती उतारूँ, ओहि बर सुन्नर हे॥3॥

शब्दार्थ
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