भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जै जै भैरव बाबा / आरती

6 bytes added, 06:57, 30 मई 2014
{{KKGlobal}}
{{KKAarti|रचनाकार=KKDharmikRachna}}{{KKCatArti}}<poem>
जै जै भैरव बाबा, स्वामी जै भैरव बाबा।
नमो विश्व भूतेश भुजंगी, मंजुल कहलावा॥
छीतरमल जन शरण तुम्हारी, आरती प्रभु गावा।
जय भैरव बाबा, स्वामी जय भैरव बाब॥
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,129
edits