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औज्यूं पीपळ आभै मायं बणताधूंअै रा माडणांभांत भांत रामिनख री छावं हैदेह सामघली-जगली नांव हैरूई रा फोआ साबूक हथाळयां ठांव हैऔर न जाणै के के।हां जी, ओ म्हारो गाांव अै निरा चितराम नी हैजद दिन बिसूंजैअर ना चिमन्यां रोजगै दियाकळूटो अर भूरो धूंओ।चांद रै चानणैटींगर खेलै दड़ी गेड़िया।आप हांसोबिजली रै खम्भांपण इण बाबतभैंस बंधैकीं न कीं जाणो।तारां री बणै तण्यांबिजली रा खाली नांव म्है बताऊं !पण क्यूं बताऊंतद थां खनै भीम्हां जैड़ी आंख हैहां ती, ओ म्हारो गांव म्हां जेड़ो मांथोअर उण बीचै दिमाग हैकरसाँ बोवै,खुदो-खुद जाणोसाऊ खावैक्यूं कै थां खनै भीबापू रै नारां जाणन रोगांव मांय खाली नांव सांगोपांग अधिकार हैबिजली कड़कैआप जाणो होठंड पड़ैपण जाण‘रकरसां कसै खेत मांयअजाण बण्योड़ाखांता मांय जमीदार रो नांव हैक्यूं कै थेहां जी ,ओ म्हारो गांव हैसुविधाभोगी होअगूठां अर सुविधाभोगीसुविधा रै उपज रोकहानी जाणन री कदै‘ई कोसिस नीं सूकै स्याईकरैमघली जाईथे भी नीं करी।जगली परणाईमां गै‘णा रख रिपिया ल्याईआप ओ भी जाणो होकै मीलां मांयभूख भरबतै मानखै रैकाळजै मांय लाग्योड़ी लायओज्यूं धुधकैसाहूकार अर उण री बै‘या धूओंमीलां री चिमन्यांआभै मांयपटकै।म्हारी सगळी पीढी रो नांव आभो थारो हैसा !गांव सगळो पड्यो अडाणैथारै मनां राबैंका रो खाली नांव हैचितराम कौरैहां जी ओ म्हारो गांव हैइणी खातर आपक-मानै करजोमनभांवता मांडणा देखो ।ख-खेता खसणोपण आप नैग-गरीबीथोड़ो सावचेत रे‘वणो हैघ- घरहीनक्यूं कै मजूर रै काळजै मांयइस्सी बारखड़ीधधकतो धूंओगांव कदै भी लाय बण सकैबसहवा लावण री चौपाळ हैदेर है।पांच स्यूं पच्चीस रा टींगरआप ओ भो जाणो होखेता-रो‘यां चरावै लरड़ीअर जे नीं भी जाणोमाठर फिरै सै‘र मेंतो भी जाणोगांव मांय स्कूल कै जिण भांत धूंअै रो खाली नांव हैहां जी ओ म्हारो गांव है।चितराम बणैअणखावणाउणी भांतअणखावणालपकती लांय रो भीचितराम बणै नेता बोटा रै ताणठग ठाकर है म्हारापणगेड़ी धूंअै रै ताण।अर लांय रै चितराम मांयफरत फगत इतो हैअडाणां री कहानी कैधूंअै रा चितरामखेत दबाणां री बाणी दैबणै अर मिट ज्यावैघेंटी मोस बोट नखावैपण लाय रा चितरामजीत परा फेर ढोल बजावैभख भी लेया करैलोक राज भख! भख उणा राजकां रा नाममजूर रै काळजै मांय मंड्योड़ीहिटलिस्ट मांय हुवै ।अर मालकां !आप रो खाली नांव हैनामहां जी ओ म्हारो गांव हैउण हिटलिस्ट मांयअंटी ढीलीसब स्यूं सिरै हुवै।खेत पाधरोअंटी काठीइण खातरखेत धोरां परचेतो मालकां !अळगो-आंतरोछांटो द्यो काळजां मांयधधकती लाय उपरहाथा जोड़ी करोमंतरी थारै इरादा री सुपारसांखेत मिलै सांतरो।फूटरी पांड़ी बाधण आळीखैत खतौन्यांमीला री फंुकारतीहक हकूकतांचितन्या नै देखजमीदार करड़ावण धारण आळीथारी मर्योड़ी आत्मा रै हाथ मांयआगगांव बापड़ो फिरै गूंग अर कै‘वो उण नैकै बा जागै।नीं तो मालकाउण हांसी नैकोई नी रोकैलाजकी हंसी थारै काळजां मांयचारू कूटा पटवारी रो दांव हैपड़तै धू‘अैनै देखहां जी, ओ म्हारो गांव है।सम हांसैला।
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