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13:53, 29 अगस्त 2014 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=प्रमोद कुमार तिवारी
|अनुवादक=
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<poem>
थी मेरी जिंदगी
एक खाली प्लेटफार्म
तुम किसी ट्रेन की तरह आई
और रह गया खाली प्लेटफार्म
</poem>
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