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मधुशाला / भाग 1 / हरिवंशराय बच्चन / अमरेन्द्र
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02:03, 29 जुलाई 2016
ही छै ऊ भोलाभाला;
अलग-अलग पथ बतलाबै सब
हम्में ई बतलाबै
छीµ
छी-
‘पथ पकड़ी केॅ चल्ले चल तों
पावी लेबे मधुशाला’ । ६
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Rahul Shivay
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