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Kavita Kosh से
तब पथरीली ज़मीनों पर प्रेमिका बनी स्त्री
सबसे पहले बसंत का परचम लहराती है
गाती है कहीं किसी डाने<ref>.पहाड़</ref> में
साल<ref>एक वृक्ष</ref>के पेड़ पर बैठकर चिड़िया