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दुःख / विल्हेम इकेलुन्द

1 byte added, 04:24, 13 दिसम्बर 2017
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<Poem>
किनारों पर उजाड़ पहाड़ियांपहाड़ियाँ
उदास रात को कर देती हैं और काला,
धूसर और घटाटोप सांझ साँझ से
निकलता है एक कालीन चमकीले रंगों वाला.
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