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Kavita Kosh से
यूं फिरे ,जैसे ये भी याद नहीं
कि कौन सी चीज गुम गई है ?
यादें ...
खो सी गई है
पता ही नहीं चलता
मीठे पानी की धारा
क्यों पतली हो चली है ?
आजकल हल्की पर गई हैं
मेरी नजरों में आप
कहीं ऐसा तो नहीं सोचने लगी हैं
यह भी एक वजह हो सकती है शायद