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[[Category:चोका]]
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आँखे पोंछ लोपास में बैठो आजएक -0दो पलमाना मन विकलस्मित बिखेरोहेर लाओ सपनेतिरते रहेगुलाबी नयनों में,जो निकले थेतट की तलाश में।रुकना नहींक्रूर आखेटक हैंखड़े सामनेबन मृगशावकझुकना नहीं।फिर -फिर रचेंगेनई कृतियाँसजाएँगे फिर सेनई मुस्कानेप्यासे अधर परमुद्रित करेंविधु- से भाल परमधु -चुम्बनहँसेगी सारी सृष्टिकरेंगे नेह-वृष्टि-०-
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