गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हार हुई तो / रामकुमार कृषक
138 bytes added
,
13:30, 8 जुलाई 2022
|रचनाकार=रामकुमार कृषक
|अनुवादक=
|संग्रह=
सुर्ख़ियों के स्याह चेहरे / रामकुमार कृषक
}}
{{KKCatNavgeet}}
यों बैठा खग्रास
त्रास के परचम फहराए !
05 फ़रवरी 1975
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits