भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
बादलों का बचाव देखा कर।
अपनी किस्मत क़िस्मत पे गर्व कर लेकिन,
दूसरों का अभाव देखा कर।
और धधके अलाव देखा कर।
डोर, मजबूत मज़बूत जो लगे तुझको,
कभी उसका तनाव देखा कर।
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits