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{{KKRachna
|रचनाकार=पॉल एल्युआर
}}
<poem>
'''सरिता'''
मेरी जीभ के नीचे
बहती है सरिता
जल ...
जिसकी कल्पना भी नहीं करते हम
मेरी छोटी सी नाव
और गिरे हुए परदे
चलो बात करें
</poem>
(मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी)
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|रचनाकार=पॉल एल्युआर
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'''सरिता'''
मेरी जीभ के नीचे
बहती है सरिता
जल ...
जिसकी कल्पना भी नहीं करते हम
मेरी छोटी सी नाव
और गिरे हुए परदे
चलो बात करें
</poem>
(मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी)