गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
तर्पण / अनीता वर्मा
25 bytes added
,
16:10, 4 नवम्बर 2009
|रचनाकार=अनीता वर्मा
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>जब नहीं थे राम बुद्ध ईसा मोहम्मद
तब भी थे धरती पर मनुष्य
जंगलों में विचरते आग पानी हवा के आगे झुकते
अब गंगा की तरह इसे भी साफ़ करना मुश्किल
कब तक बचे रहेंगे हम इस जल से करते हुए तर्पण.
</poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits