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गंध एक यात्रा है
इतिहास के दूरवर्ती पन्नों की
अजीवित देहों की
और मन की पकड़ से परे
जीवित देहों की भी.।
तीर्थयात्रा भी है गंध
एक दार्शनिक यात्रा है
गंध आनुभविक यात्रा है.।
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