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हत्या का एहसास / निदा नवाज़
Kavita Kosh से
कभी मेरी बस्ती के लोगों को
आकाश में सुर्खी देख कर
किसी जगह हुई हत्या का
एहसास होता था
और अब
आकाश की सारी सुर्खी
मेरे शहर पर छा गई है
और मेरी बस्ती के लोगों को
किसी हत्या का
कोई एहसास नहीं.