हस्ती को तमाशा कि अजूबा लिक़्खूं
या इस को तिरे होने का मुझदा लिक़्खूं
होने कि न होने की हक़ीक़त मालूम
तो क्यों न इसे गोरख-धंधा लिक़्खूं।
हस्ती को तमाशा कि अजूबा लिक़्खूं
या इस को तिरे होने का मुझदा लिक़्खूं
होने कि न होने की हक़ीक़त मालूम
तो क्यों न इसे गोरख-धंधा लिक़्खूं।