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हाँ रे, खाल खेते बोअलीं अनन-धन ननदी / भोजपुरी

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हाँ रे, खाल खेते बोअलीं अनन-धन ननदी,
कि आहे ननदी हे, कि ऊँचे खेत बोउलीं कपास।।१।।
हाँ रे, कपास का लोढ़न पिया परदेसे ननदी
कि आहे ननदी हे, मोहि तेजि गइले मूरख गँवार।।२।।
हाँ रे, जवन बन सिंकिया पवन नाहीं डोले
कि आहे ननदी हे, तवने बने पिया ले ले बास।।३।।
हाँ रे, अंग के पतरी, मुहँ ढुरहुर रे ननदी
कि आहे ननदी हे, कवने बने करबों में पिया के उदेस।।४।।
हाँ रे, खोजी ए हेरी जब सँवरो लवटले
कि आहे ननदी हे, दुअरे गिरेले मुरुझय।।५।।
हाँ रे, आँगन मोरे लेखे बिजु बन ननदी
कि आहे ननदी हे, कि डुरुडी त भइले पहाड़।।६।।