साहित्य में विकलांगता विमर्श
चतुर्थ विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार
पुरस्कार के अगले संस्करण के लिए प्रविष्टियाँ शीघ्र ही आमंत्रित की जाएँगी।
कृपया ध्यान दें: नीचे दी गई सभी नियम व शर्तों का पालन करते हुए अपनी रचनाएँ भेजें। किसी भी नियम का उल्लंघन होने पर आपकी प्रविष्टि अस्वीकार की जा सकती है।
- यदि आप पुरस्कार के पिछले दो संस्करणों में विजेता घोषित हुए हैं तो आपकी रचनाएँ इस संस्करण के लिये स्वीकार नहीं की जाएँगी। अधिक-से-अधिक रचनाकारों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से यह नियम बनाया गया है।
- रचनाओं का केन्द्र-बिंदु विकलांगता होना चाहिए। साहित्यकारों से अपेक्षा है कि वे विकलांगजन की समस्याओं, उनकी मनोदशा, समाज में उनकी स्थिति आदि आयामों को महसूस कर साहित्य-रचना करेंगे। लीक से हट कर लिखी गई रचनाओं को विशेष-रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।
- कुल दो पुरस्कार दिए जाएँगे। एक कहानी के लिए और दूसरा काव्य रचना के लिए।
- कहानी कम-से-कम 2,000 शब्दों में हों और काव्य रचना किसी भी पद्य विधा (यथा गीत, नवगीत, ग़ज़ल, नज़्म, कविता इत्यादि) में हो सकती है।
- केवल मौलिक और अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगी। रचनाएँ पूर्व में कहीं भी किसी भी प्रारूप में प्रकाशित नहीं होनी चाहिए।
- एक रचनाकार कितनी भी स्वलिखित, मौलिक व अप्रकाशित रचनाएँ भेज सकता है लेकिन एक बार भेजी जा चुकी रचना को भविष्य में फिर से इस पुरस्कार के लिए नहीं भेजा जा सकेगा। चुनी गई रचनाओं का एक संकलन भी कविता कोश के सहयोगी प्रकाशन श्वेतवर्णा द्वारा पुस्तक-रूप में प्रकाशित किया जाएगा।
- पुरस्कार की प्रस्तुति और कार्यान्वयन ईवारा फ़ाउण्डेशन और कविता कोश द्वारा होगा। विजेता रचनाओं का चयन हर बार एक अलग निर्णायक मंडल करेगा।
- निर्णायक मंडल के मानकों पर यदि कोई भी रचना खरी नहीं उतरती है तो ऐसे में यह पुरस्कार किसी भी रचना को नहीं दिया जाएगा और पुरस्कार राशि से ईवारा फ़ाउण्डेशन द्वारा किसी विकलांगजन को सहायता उपलब्ध करा दी जाएगी।