Last modified on 22 सितम्बर 2013, at 17:21

पीले पानी की बूँदें / भूपिन्दर बराड़

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:21, 22 सितम्बर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भूपिन्दर बराड़ |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

छत से छूती थीं
पीले पानी की बूँदें
कोई शोर नहीं होता था

इत्ती गहरी थीं
उसके तीन बच्चों की आवाजें
उन्हें दुलारता
वह हंस नहीं सकता था बहरहाल