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अचु अङण में / लीला मामताणी

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सॼण आउ तूं अङण में पेही
दिलि जो हालु ओरियां तोसां वेही
दिलि में ग़म खे सांढे वेठुसि
ॿियनि ॿुधायां मां केही केही
चित चरननि में तुंहिंजे लॻायां
अर्पणु कयुमि तोखे सभेई
रोई रोई पेई तोखे ॿाॾायां
मिलाए विछुड़िया मुहब मिड़ेई
कोई न संगी कोई न साथी
‘निमाणी’ सॼी उमिर विञायामि वेही।