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कूंडियै पाणी सिड़ ज्यासी / भंवर कसाना

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कूंडियै पाणी सिड़ ज्यासी
मोह सूं मिमता जिड़ ज्यासी

मती बण मूंडां सूं लपचेड़
कायदो मांदो पड़ ज्यासी।

थोड़ो सो आंतरो कर राख
भीड़ में भीड़ी भिड़ ज्यासी।

मती कर पचबा री तजबी
जहर री जात बिगड़ ज्यासी

बांध मत पीक रा पाडा
मूरत री जड़ां उपड़ ज्यासी

काण रो कांकरो मत खोल
ताकड़ी-धरण उघड़ ज्यासी