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शहर / लैंग्स्टन ह्यूज़ / अमर नदीम

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सुबह-सवेरे
शहर फैलाता है अपने पंख
और रचता है एक गीत
उस पत्थर में जो गाता है ।

शाम को शहर
सोने चला जाता है
टाँगकर रोशनियाँ
सर के ऊपर ।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अमर नदीम
 —
लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
       Langston Hughes
             The City

In the morning the city
Spreads its wings
Making a song
In stone that sings.

In the evening the city
Goes to bed
Hanging lights
Above its head.