Last modified on 25 जून 2022, at 01:27

है चमन तुम्हीं से / प्रेमलता त्रिपाठी

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:27, 25 जून 2022 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रेमलता त्रिपाठी |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मिला न तुम-सा कहीं सहारा।
खिले सुमन मन जहाँ हमारा।

सजा लिया है चमन तुम्हीं से,
करो सरस माँ विधान सारा।

लगी लगन और आस माता,
बड़ा सुखद संग प्रिय तुम्हारा।

कहीं न मन का अजान मिटता,
सुपथ दिखाकर हमें सँवारा

तमस मिटाकर उजास करती,
लुटा सहज मन पुनीत प्यारा।

विभा तुम्हीं से विहान शारद,
सुगम बनाया सप्रेम न्यारा।