Last modified on 15 मार्च 2010, at 12:38

पता नहीं, नींद कब आएगी / विद्याभूषण

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:38, 15 मार्च 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विद्याभूषण |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <poem> पता नहीम, नींद क…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पता नहीम, नींद कब आएगी
सपनों को!
घुमड़ता आकाश
बादलों की बौछार के संग
व्यस्त है,
वातावरण अलमस्त है,
फिर भी यह मन आज पस्त है।

किसके लिए लिखूँ शब्द?
कोई पाती किसके नाम?
अब तक कई ख़ास पते
बेपते हो गए हैं,
घर में क़ैद बेघर हूँ मैं।