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खेत को और कोई जोतने वाला होगा / डी. एम. मिश्र

खेत को और कोई जोतने वाला होगा
फ़स्ल को और कोई काटने वाला होगा

आप हाकिम हैं हुक़्म देने में क्या लगता है
भार तो और कोई लादने वाला होगा

कूद तो जायेगा दरिया में वो संदेह नहीं
हाथ उसका भी कोई थामने वाला होगा?

फिर किसी और जोंक की कहाँ ज़रूरत है
मेरा हमदम जो ख़ून चूसने वाला होगा

देखिए कैसे दरकने लगीं हैं बुनियादें
वो किला झूठ का अब टूटने वाला होगा

आजकल भौंकते नहीं गली के कुत्ते भी
नींद में सब हैं , अब वो लूटने वाला होगा

ठीक है कहते हो तो हम मशाल रख देते
इस अँधेरे को कोई रोकने वाला होगा