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गीत गाता हुआ साले-नौ आ गया / राजेंद्र नाथ 'रहबर'

 
गीत गाता हुआ साले-नौ आ गया
मुस्कुराता हुआ साले-नौ आ गया

मयकदों के, कलब्बों के दर खुल गये
लड़खड़ाता हुआ साले-नौ आ गया

हर तरफ जश्न का एक माहौल है
गुनगुनाता हुआ साले-नौ आ गया

दर उम्मीदों के आशाओं के वा हुए
चहचहाता हुआ साले-नौ आ गया

इस की आमद के तेवर तो देखो ज़रा
दनदनाता हुआ साले-नौ आ गया।