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मैं तथा मैं (अधूरी तथा कुछ पूरी कविताएँ) - 7 / नवीन सागर

हँसता हुआ अचानक रुका
सोचता हुआ
किन के साथ हँसा!
मैं कहाँ पे आ गया!

ये कपड़े मैंने पहने कैसे!
और ये चेहरा
ये चेहरा मेरा कैसे!

मैं तो वहाँ
वहाँ गुज़रा हुआ
मैं तो यहाँ
यहाँ आता हुआ।