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|रचनाकार=उदयप्रकाशउदय प्रकाश|संग्रह= अबूतर कबूतर / उदय प्रकाश
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हुमायूँ ने दुआ की थी
अकबर बादशह बने
अकबर ने दुआ की थी
जहाँगीर बादशाह बने
जहाँगीर ने दुआ की थी
शाहजहां बादशाह बने
बादशाह हमेशा बादशाह के लिए
बादशाह बनने की दुआ करता है
लालक़िले का बूढ़ा दरबान
बताता है ।
</poem>