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हिमालका कुरा गर्यौं, गुराँसका कुरा गर्यौं / दिनेश अधिकारी
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04:13, 23 जुलाई 2017
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लुकीचोरी देशको भाग आफैँले पो खायौ कि
धितो राखी यो देशलाई नयाँ लुगा लायौँ कि
आफैँसँग सोधौँ अब कहाँ कहाँ हामी
चोक्यौँ
चुक्यौँ
कुन ठाउँमा लड्खडायौँ, कहाँ कहाँ हात झिक्यौँ
Sirjanbindu
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