Changes

{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= रमा द्विवेदी}}{{KKCatKavita}}<poem>जब अपने दम-खम से, कोई नारी बन जाती है महान। तब करता है गौरव उस पर, यह सारा का सारा जहान॥ हमें समाज की इस धारणा को, प्रयास करके बदलना होगा। बेटियों के आगे बढ़ने में, हमें उनका संबल बनना होगा॥
 जब अपने दम-खम से,<br>कोई नारी बन जाती है महान।<br>तब करता है गौरव उस पर,<br>यह सारा का सारा जहान॥<br><br>हमें समाज की इस धारणा को,<br>प्रयास करके बदलना होगा।<br>बेटियों के आगे बढ़ने में,<br>हमें उनका संबल बनना होगा॥<br><br>ताकि उनकी राह भी,<br>कुछ आसान हो जाए।<br>संघर्षों की राह में वो,<br>खुद को अकेला न पाए॥ <br><br/poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,395
edits