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मौत तू एक कविता है / गुलज़ार

38 bytes added, 20:24, 5 अप्रैल 2011
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|रचनाकार=गुलज़ार
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मौत तू एक कविता है
डूबती नब्ज़ों में जब दर्द को नींद आने लगे
ज़र्द सा चेहरा लिये जब चांद उफक तक पहुचेपहुँचे
दिन अभी पानी में हो, रात किनारे के करीब
ना अंधेरा ना उजाला हो, ना अभी रात ना दिन