गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
आओ करें आनन्द केलि / अनिल जनविजय
3 bytes removed
,
05:57, 15 अप्रैल 2011
{{KKGlobal}}
रचनाकारः [[
{{KKRachna
|रचनाकार=
अनिल जनविजय
]]
[[Category:कविताएँ]]
[[Category:
|संग्रह=राम जी भला करें /
अनिल जनविजय
]]
}}
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
{{KKAnthologyLove}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
आओ करें आनन्द-केलि
मेरे जीवन की सहेली
विकल-विहग तेरे उरोज
कम्पित-आकुल दोनों सरोज
हहराता चेतन - सागर
तॄष्णा में डूबा है स्वर
व्यग्र-विह्वल चंचल-चेहरा
दॄग छाया मादक घेरा
व्याकुल अधर तपता शरीर
प्रणय पागल मन है अधीर
लगे मुझे तू अलबेली
मेरे जीवन की सहेली
मंद- मॄदु उल्लास तेरा
लालसी परिहास मेरा
गरल अनल रक्तिम कपोल
राग मर्दन रति हिल्लोल
सातवें सोपान पर हम
काम के उत्तान पर हम
झर झराझर झरा पंचम
तॄष्णा -तॄप्ति का संगम
थी अनोखी अनुराग खेलि
मेरे जीवन की सहेली
(
2002
में रचित
)
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,699
edits