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|रचनाकार= रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ 'हिमांशु' |संग्रह= मिले किनारे / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
}}
[[Category: चोका]]
<poem>
'''1-मन दर्पन'''
मन दर्पन
दरक गया जब,
दु:ख का आचमन ।
-0-
'''2-रेशम-से बन्धन'''
भरम हुआ
यह न जाने कैसे