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"मुबारक हो / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'" के अवतरणों में अंतर

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मुबारक हो रमजान पावन महीना।
खुषी सॅे हिमालय केॅ निकलै पसीना।

अजां, सेहरी आरो रोजा नमाजी
इनायत मॅ खाड़ोॅ इ मक्का मदीना।

इतर से गमागम फ़जा ईद के छै
लगाबोॅ गला आरो सीना सॅे सीना।

कहीं सेवई छै कहीं वीरजानी
इ मंदिर इ मस्जिद धरम के नगीना।

कि हर-हर महादेव-अल्लाह अकबर
इ हिन्दुस्तां रंग मिलतै कहीना।