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| − | + | सागर तट पर | |
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| − | + | ओस की बूँद । | |
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| − | + | उदासियों के घेरे | |
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| + | चिड़ियाँ गातीं | ||
| + | घण्टियाँ मन्दिर की | ||
| + | गीत सुनाती । | ||
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| + | है डिस्को यहाँ | ||
| + | छुए जो मन को वो | ||
| + | भजन कहाँ ? | ||
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19:01, 17 जुलाई 2012 के समय का अवतरण
1
दुल्हन झील
तारों की चूनर से
घूँघट काढ़े ।
2
लेटी थी धूप
सागर तट पर
प्यास बुझाने !
3
लिये बैठी
गुलाब की पाँखुरी
ओस की बूँद ।
4
घेरे हैं मुझे
उदासियों के घेरे
साँझ सवेरे ।
5
आसमान में
काले सर्प -सा धुआँ
फन फैलाए !
6
चिड़ियाँ गातीं
घण्टियाँ मन्दिर की
गीत सुनाती ।
7
है डिस्को यहाँ
छुए जो मन को वो
भजन कहाँ ?