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स्वतंत्रता के दीवाने / अज्ञात रचनाकार
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15:33, 1 मई 2015
गोदी सूनी हो जाएगी, कितनी ही माताओं की,
और चूड़ियां भी उतरेंगी, कितनी ही अबलाओं की।
घिर आएंगी
शिशुआंे
शिशुओं
पर भी, घोर घट विपदाओं की,
जबकि चलेगी भारत भू पर, वह आंधी अन्यायों की।
Sharda suman
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